INS : स्पष्ट निर्देश के बाद भी चयन समिति ने छुपाई जानकारी
INS : पूर्व कलेक्टर को अंधेरे में रख कर दी कांउंसलिंग
BRC-APC की नियुक्ति का मामला
उमरिया में हुए कारनामे वैसे तो किसी से छुपे नही है और इनके उजागर होने के साथ साथ बड़े अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो जाते हैं॥ ऐसा ही एक मामला जिले में सामने आया जब वर्षो से खाली पड़े पदों को भरने का निर्देश राज्य शिक्षा केन्द्र ने सभी जिला अधिकारियों को दिये मगर उमरिया में नियम को तार तार करते हुए चयन समिति ने स्वयं ही अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार ली है और अब कलई खुलने के डर से सारा का सारा ठीकरा पूर्व कलेक्टर पर फोड़ा जाने लगा है, दरअसल माल कमाने के चक्कर में चयन समिति में शामिल जिम्मेदारों ने कलेक्टर को भी नही बक्शा और नियम के विपरीत होकर BRC और APC की नियुक्ति कर डाली जबकि शासन के निर्देश कुछ और ही बंया कर रहे है॥ यहां तक कि चयन समिति ने अपराधिक रिकार्ड सहित विभागीय जांच और न्यायालीन प्रकरणों को स्पष्ट करना था लेकिन पूर्व कलेक्टर को अंधेरे में रखकर सारी नियुक्ति पत्र कांउंसलिंग के माध्यम से जारी कर डाली॥ जिसके बाद अब जिला शिक्षा अधिकारी और सर्व शिक्षा अभियान कार्यालय में हड़कंप मच गया है, इस लापरवाही की शिकायत भी कराई जा चुकी है, जिस पर चयन समिति में शामिल साहिबानों के पैरो तले से जमीन ही खिसक गई है॥
यह रहे चयन समिति में
राज्य शिक्षा केन्द्र ने अपने पत्र क्रमांक 2022/4284 दिनांक 19-7-2022 में जिले के समस्त योग्यता धारी की पात्रता और अन्य दस्तावेज जांच करने कहा था था, उनमें जिला शिक्षा अधिकारी, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग, प्राचार्य डाईट, जिला संसाधन केन्द्र एवं जिला परियोजना समन्वयक की समिति जिनकी अध्यक्षता, वरिष्ठतम अधिकारी द्वारा अभ्यर्थियों के जमा आवेदन और अन्य दस्तावेजों की स्कूटनी करेगी साथ ही यह समिति यह भी जांच करेगी कि समिति द्वारा पात्र अभ्यर्थि के विरुद्ध किसी भी प्रकार का न्यायालयीन प्रकरण, विभागीय जांच एंव आपराधिक प्रकरण अन्य जांच प्रचलित न हो, पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि अगर इन सब के बाद भी अभ्यर्थियों के चयन या फिर उनके खिलाफ किसी भी प्रकरण का दावा होता है तो उसकी समस्त जवावदेही जिला परियोजना समन्वय की होगी॥
जांचे लंबित, प्रकरण कायम, फिर भी नियुक्त हुए सर जी
जिले में विकासखंड स्त्रोत समन्वयक एवं सहायक परियोजना समन्वयकों के रिक्त पदों की भर्ती की जानी थी, जिसके लिए राज्य शिक्षा केन्द्र ने बकायदा विज्ञापन जारी कर आवेदन आमंत्रित किया था, जिसके तहत धानेन्द्र तिवारी, यज्ञसेन त्रिपाठी, कमलेश प्रजापति, विनय चतुर्वेदी, विवेक मिश्रा, गफ्फार खान, के जी भट्ट, लक्ष्मी पटेल और राकेश निगम ने आवेदन किया, जिन्हें वरीयता और मेरिट के आधार पर पोस्टिंग की जानी थी, आदेश में यह भी स्पष्ट था कि पोस्टिंग भी वही की जाये तो मूल गृह न हो, जिसके तहत दो लोगों ने वरीयता रखते हुए अपनी पोस्टिंग नही ली, अब 9 लोगों में से 7 लोग बचे, जिसमें 3 BRC और 4 APC बचे॥ अब बात यहां अटक जाती है कि चयन समिति ने न तो इनकी प्रचलित जांच देखा और न ही आपराधिक रिकार्ड और कलेक्टर को अंधेरे में रखते हुए यज्ञसेन त्रिपाठी बीआरसी मानपुर, विनय चतुर्वेदी बीआरसी करकेली और विवेक मिश्रा को बीआरसी पाली में पदस्थ कर दिया गया वहीं एपीसी पद पर गफ्फार खान, केजी भट्ट, लक्ष्मी पटेल और राकेश निगम को पदस्थ कर दिया गया॥ शासन के निर्देश के बाद भी चयन समिति ने इनके रिकार्ड नही चेक किये जिसके बाद अब सवाल खड़े हो गये हैं, वहीं समिति ने पूर्व कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव को भी अंधेरे में रखा और नियुक्ति कर दी॥